जीवन अनमोल है इसकी कीमत को समझे।
मुनीर आलम
पडरौना कुशीनगर हमारे देश में एक आंकड़े के अनुसार प्रति मिनट में एक एक्सीडेंट होता है जिसमें हर चार मिनट में एक ब्यक्ति की मृत्यु एक्सीडेंट के कारण हो रही है इस प्रकार सैकड़ों ब्यक्तियों की मृत्यु प्रतिदिन एक्सीडेंट की वजह से हो रही है जिसमें ज्यादातर मौतें चालकों की लापरवाही एवं यातायात नियमों के पालन न करने के कारण हो रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि संसार में जन्म लेने के लिए एक ब्यक्ति मां के गर्भ में 9 महीना रहता है,1-2 वर्ष तक चलने के लिए इंतजार करना पड़ता है, फिर स्कूल से लेकर कालेज तक शिक्षा ग्रहण करने के नाम पर लगभग 25 साल इंतजार कर सकता है तत्पश्चात शादी के नाम 25-30 वर्ष इंतजार कर सकता है। इस प्रकार एक ब्यक्ति द्वारा इन तमाम मौकों पर इंतजार कर बिना किसी हड़बड़ी में कार्य किया जाता है पर वहीं दूसरी तरफ गाड़ी चलाते समय ओवर टेक करने के चक्कर में माञ 30 सेकण्ड भी नहीं रूकते। अधिकतर मौतें ओवर टेक के कारण होती हैं।बाद में एक्सीडेंट होने के बाद जिन्दा रहे तो इलाज के लिए अस्पताल में कई घंटे, महीने या साल निकाल देते हैं। कुछ सेकेंड की हड़बड़ी कितना गम्भीर एवं भयंकर परिणाम ला सकती है। अपने तो अपनी लापरवाही के कारण चले जाते हैं पर पीछे आंसू बहाने एवं दर्द झेलने के परिवार को बेसहारा छोड़ जाते हैं। क्या इस कभी विचार किया है आपने, कभी नहीं।फिर हम नियति को दोषी मानकर कोसते हैं।
इसलिए सही रफ्तार,सही दिशा में, हेलमेट व सीट बेल्ट लगाकर, यातायात के नियमों का पालन करते हुए वाहन संभलकर व सुरक्षित रुप में चलें क्योंकि घर पर आपका मासूम परिवार इंतजार कर रहा होता है, जिसमें हजारों लोग प्रतिदिन एक्सीडेंट के बाद वापस आते हैं। इसलिए इसका ख्याल जरूर रखें कि जीवन बहुत ही अनमोल है।
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